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लेखक:

गंगाप्रसाद विमल
जन्म : सन् 1939।

गंगाप्रसाद विमल का जन्म सन् 1939 में हिमालय के एक छोटे-से कस्बे में हुआ। चार उपन्यास, पाँच कविता-संग्रहों और ग्यारह कहानी-संग्रहों के प्रकाशन के साथ गंगाप्रसाद विमल ने अनेक विश्वप्रसिद्ध कृतियों का हिन्दी में अनुवाद किया है। ‘आधुनिकता : साहित्य के संदर्भ में’ तथा ‘समकालीन कहानी का रचना-विधान’ आदि कुछेक गद्य रचनाओं के अतिरिक्त अज्ञेय, मुक्तिबोध तथा आधुनिक कहानी संबंधी उनकी उल्लेखनीय संपादित कृतियाँ हैं।

गंगाप्रसाद विमल की अनेक कृतियों के विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुए हैं। अंतर्राष्ट्रीय लेखक सम्मेलनों में कई बार उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया और अनेक विदेशी विश्वविद्यालयों में हिंदी और भारतीय साहित्य पर व्याख्यान दिए। सन् 1994 में ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों और कविता-केंद्रों में अतिथि कवि के रूप में आमंत्रित किए गए।

गंगाप्रसाद विमल को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं। हाल ही में महाराष्ट्र हिंदी अकादमी ने उन्हें अपने सर्वोच्च ‘महाराष्ट्र भारती’ सम्मान से अलंकृत किया है।

एक चौथाई शताब्दी दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़े संस्थान में काम करने के उपरांत वे कुछ बरस केंद्रीय हिंदी निदेशालय के निदेशक-पद पर कार्य करते रहे।

कृतियाँ :

उपन्यास : मृगांतक, कहीं कुछ और, अपने से अलग।

कहानी-संग्रह : खोई हुई थाती, दस प्रतिनिधि कहानियाँ।

कविता : सन्नाटे से मुठभेड़, मैं वहाँ हूँ, अलिखित अदिखित।

संपादन : आधुनिकता : साहित्य के संदर्भ में, समकालीन कहानी का रचना-विधान।

संप्रति : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।

कहीं कुछ और

गंगाप्रसाद विमल

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एक रोचक सामाजिक उपन्यास...   आगे...

मृगान्तक

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मृगान्तक क्लासिक रचनाओं की तर्ज पर उभरता मानवीय द्वंद्व है...   आगे...

 

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